TAKING GOD AT HIS WORD [HINDI] - भगवान को उनके वचन पर लेना [नहीं]
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Can we trust the Bible completely? Is it sufficient for our complicated lives? Can we really know what it teaches?
With his characteristic wit and clarity, award-winning author Kevin DeYoung has written an accessible introduction to the Bible that answers important questions raised by Christians and non-Christians. This book will help you understand what the Bible says about itself and the key characteristics that contribute to its lasting significance.
Avoiding technical jargon, this winsome volume will encourage you to read and believe the Bible—confident that it truly is God’s Word.
क्या हम पूरी तरह से बाइबल पर भरोसा कर सकते हैं? क्या यह हमारे जटिल जीवन के लिए पर्याप्त है? क्या हम वास्तव में जान सकते हैं कि यह क्या सिखाता है?
अपनी विशिष्ट बुद्धि और स्पष्टता के साथ, पुरस्कार विजेता लेखक केविन डीयुंग ने बाइबिल का एक सुलभ परिचय लिखा है जो ईसाइयों और गैर-ईसाइयों द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर देता है। यह पुस्तक आपको यह समझने में मदद करेगी कि बाइबल अपने बारे में क्या कहती है और प्रमुख विशेषताएँ जो इसके स्थायी महत्व में योगदान करती हैं।
तकनीकी शब्दजाल से दूर, यह मनमोहक पुस्तक आपको बाइबल पढ़ने और उस पर विश्वास करने के लिए प्रोत्साहित करेगी—आश्वस्त है कि यह वास्तव में परमेश्वर का वचन है।